नमस्कार दोस्तों आज हम आए हैं एक बहुत ही अद्भुत कहानी लेकर जो कि आधारित है भगवान की भक्ति से और जिस के हिसाब से आज भी भगवान मौजूद है और आज भी वह सभी के लिए फलदाई है
तो दोस्तों आगे चलते हैं अपनी कहानी को लेकर पर आपको बताते हैं यह एक सच्ची घटना पर आधारित कहानी है
बात 2007 की, मथुरा के शोंक कस्बे की है, जहां पर एक परिवार था उस परिवार में तीन लड़के और उनके मां बाप थे जो मिठाई का काम करते थे, और उनका बहुत ही अच्छा कारोबार था आज लगभग उस मिठाई की दुकान को चलते चलते हैं लगभग 20 साल हो चुके थे और सन 2007 से इस परिवार के मुखिया राम सिंह जी बीमार हो गये और जब से सन् 2014 तक चल बीमार चलते रहे थे,
उनको महीने में दो-तीन बार मिर्गी के दौरे पड़ जाते थे राम सिंह जी दूर-दूर तक दवा लेने गए थे एक बार राम सिंह जी दिल्ली दवा लेने गए और वहां जाकर उन्होंने तकरीबन ₹10000 की दवाई ली वह दवाई खाने लगे उस दवाई को खाकर राम सिंह जी को थोड़ा आराम होने लगे, मिर्गी के दौरे जो कि हर महीने में 10 , 12 बार पढ़ जाते थे , अब वह महीने में एक बार हो रहे थे , उन्होंने सोचा दवाई खाते-खाते यह मिर्गी के दौरे धीरे धीरे ठीक हो जाएंगे
परन्तु,
एक दिन जब राम सिंह अपनी दुकान पर काम कर रहे थे तो उन्होंने मिठाई बनाई मिठाई बनाने के लिए बाखर बनाया और जब बाखर गर्म हो रहा था और गरम होकर पिघल गया था तो अचानक राम सिंह जी को मिर्गी का दौरा पड़ गया , मिर्गी के दौरे के दौरान उनके दोनों हाथ कढ़ाई में जा गिरे और उनके हाथ जल गए अब उनके घर वाले और परेशान होने लगे इस हादसे के बाद उनके मिर्गी के दौरे बढ़ने लगे जहां मिर्गी के दौरे महीने में एक दो बार पढ़ा करते थे अब वह हर दसवें दिन पढ़ने लगे और यही क्रम धीरे-धीरे बढ़ने लगा मिर्गी के दौरे हफ्ते हफ्ते बढ़ने लगे अब राम सिंह जी को मिर्गी के दौरे हर दूसरे दिन आने लगे उन्होंने बहुत दवाई की परंतु कहीं पर कोई असर नहीं हुआ उन्होंने बहुत दूर-दूर के डॉक्टरों की और वैद की दवाई खाई परंतु किसी का कोई असर नहीं हुआ.
राम सिंह जी भगवान हनुमान जी के बहुत बड़े भक्त थे राम सिंह जी को एक दिन सपना आया कि उन्हें हनुमान जी के धाम कटकड धाम जाना चाहिए कटकड धाम बहुत ही प्रसिद्ध धाम है , जो राजस्थान के जिला करौली के पास पड़ता है यह जिला करौली से पहले महावीर जी के रास्ते पर आगे चलकर पड़ता है कटकड़ धाम में योगेश्वर महाराज जी का निवास स्थान भी है योगेश्वर महाराज हनुमान जी के बहुत बड़े भक्त हैं और कहते हैं कि योगेश्वर महाराज जी पर हनुमान जी आते हैं और उस समय वह अपने भक्तों का इलाज भी करते हैं राम सिंह जी को यह सपना दिखाई देने पर राम सिंह जी सुबह उठे और उन्होंने यह बात अपने घरवालों को बताई घरवालों को बताने के बाद राम सिंह जी ने अगले दिन सुबह राजस्थान जाने का प्लान बनाया,
परंतु कहते हैं कि भगवान कुछ देने से पहले बहुत परीक्षा लेता है अगले दिन जब सुबह राम सिंह जी निकलने वाले थे तो उनको मिर्गी का दौरा आने लगा और उनके शरीर में दर्द होने लगा अब राम सिंह जी के बस में उठना भी नहीं था , और बाहर बहुत जोर से बारिश हो रही थी उनके घरवाले सोचने लगे की कैसे जाया जाए और योगेश्वर महाराज जी सिर्फ मंगल वाले दिन ही बैठे थे आज मंगल था इसलिए राम सिंह जी ने वहां जाने का निर्णय किया था कुछ ऐसा प्रतीत हो रहा था की मानो कोई शक्ति उन्हें वहां जाने से रोक रही है परंतु राम सिंह जी ने हनुमान जी का नाम लिया और उन्होंने वहां से चलने का निश्चय किया राम सिंह जी और उनकी पत्नी बरसात में ही बस पकड़ने के लिए निकल गए जैसे तैसे भीगते भीगते बस स्टैंड पर पहुंचे वहां पर कोई बस नहीं थी राम सिंह जी ने हार नहीं मानी राम सिंह जी हनुमान जी का नाम ले रहे थे और उन्हें दूर से एक टैक्सी दिखाई दी राम सिंह जी ने टैक्सी वाले को हाथ दिखाया और उससे बात की कि हमें कटकड धाम बालाजी जाना है टैक्सी वाले ने उनको बिठा लिया और वह धीरे-धीरे करके कटकड़ धाम पहुंच गए कटकड़ पहुंचकर उन्होंने देखा बहुत दूर-दूर तक बीमार व्यक्ति की लाइन लगी हुई है राम सिंह जी उस लाइन में लग जाएगी और लगभग 6 घंटे बाद राम सिंह जी का नंबर आया योगेश्वर महाराज जी बोले राम सिंह आज सुबह जितनी भी अर्चना आपके सामने आई वह सारी अड़चनें आपकी परीक्षा के लिए थी हनुमान जी आपकी परीक्षा लेना चाह रहे थे कि आप उनके सच्चे भक्त हैं या नहीं राम सिंह जी ने कहा गुरुजी आपको क्या प्रतीत होता है योगेश्वर महाराज जी ने कहा रामसिंह तुम अपनी परीक्षा में पास हो गए हो और आज के बाद तुम्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी और उन्होंने राम सिंह जी को आँख बंद करने के लिए कहा और राम सिंह जी ने आंख बंद की और योगेश्वर महाराज ने उनके गाल पर हाथ फिराया और उनको 1 घंटे के लिए बैठने के लिए कहा अब धीरे-धीरे राम सिंह जी के शरीर में अजीब सी ताकत आ रही थी और शरीर बहुत ही फुर्तीला हो गया था योगेश्वर महाराज जी को राम सिंह जी से कहा राम सिंह जी अब तुम पूरी तरह सही हो गए हो अब आप घर जा सकते हो और भविष्य में आपको कोई भी बीमारी नहीं होगी इतना सुनकर राम सिंह जी बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने योगेश्वर महाराज जी के चरणों को स्पर्श किया आशीर्वाद लिया और वहां से चल दिए वह दिन है और आज लगभग 9 साल होने वाले हैं उनको ना तो कोई बीमारी हुई और ना ही कोई मिर्गी का दौरा पड़ा परंतु आज भी वह कटकड धाम बालाजी से आशीर्वाद लेने जरूर जाते हैं और योगेश्वर महाराज जी के भी आशीर्वाद लेते हैं
तो दोस्तों इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है यदि हम भगवान में विश्वास रखते हैं तो पूर्ण श्रद्धा और विश्वास से उनका स्मरण करना चाहिए इस से प्रत्येक परेशानी ठीक हो जाती हैं
धन्यवाद चलते हैं और फिर मिलेंगे अपने नई कहानी के साथ तब तक के लिए बाय बाय
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