दोस्तों हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां पर हमें अपने प्रत्येक कार्य के लिए चाहे वह शारीरिक मेहनत हो या दिमागी तौर पर कुछ बड़ा करना हो या फिर कोई और सभी कार्यों को करने के लिए हमें एक विशेष जानकारी कार्यकुशलता और मेहनत की जरूरत होती है
लेकिन कभी-कभी बहुत मेहनत करने के बाद भी हमारे कार्य उस तरीके से नहीं हो पाते हैं जिस तरीके से हम उन्हें करना चाहते हैं या करने की सोच रहे हैं
ऐसी परिस्थिति में हम झूला जाते हैं हमें लगता है कि यह सब कुछ बेकार है इसे छोड़ दो यह नहीं होगा।
हमें लगता है कि हमें कुछ और नया करना चाहिए लेकिन फिर हम कहीं से कुछ मोटिवेशनल स्टोरी या कहानी सुनते हैं और फिर हमें लगता है कि नहीं हमें यही करना है और इसे ही करेंगे।
उसी काम को दोबारा करने की कंडीशन में भी हमारे पास कई प्रकार के मार्गदर्शन सामने आते हैं जैसे कि क्या हमें उसी काम को कंटिन्यू करना चाहिए या उसे एकदम कंप्लीट नए तरीके से करना चाहिए।
ये कुछ ऐसे मापदंड हैं जिन्हें कोई नहीं बताता और इनका जवाब भी हमें कहीं नहीं मिलता काफी तलाश करते हैं इधर-उधर भटकते रहते हैं लेकिन फिर भी हमें इन समस्याओं को समाधान नहीं मिलता क्योंकि वास्तव में यह कोई समस्या ही नहीं है
आज मैं आपको इसी से संबंधित है एक्सपीरियंस बताऊंगा जिसके बीच पर आप यह तय कर सकते हैं कि हमें क्या करना चाहिए कैसे करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
माली जी आप एक बिजनेस कर रहे हैं और वह बिजनेस आपका ठीक नहीं चल रहा है या चलते चलते उसमें कोई प्रॉब्लम आ गई है अब ऐसी परिस्थिति में आप सोचेंगे कि मुझे यह बिजनेस बंद कर देना चाहिए कुछ दूसरा करना चाहिए तो यह एक अच्छा चुनाव नहीं रहेगा आप चाहे तो कर सकते हैं लेकिन अगर मेरी बात माने तो आपको यह नहीं करना चाहिए आपको वही करना चाहिए जो आपका करने का मन है।
अगर आपने यह बिजनेस किसी दूसरे के कहने से शुरू किया था और आप इसमें कामयाब नहीं हो पाए हैं तब आपको यह बिजनेस जरूर बदलना चाहिए मैं इसका पूर्ण समर्थन करता हूं परंतु यदि यह बिजनेस आपकी अपनी खुद की ख्वाइश है और कुछ परेशानियों के कारण इसमें कोई परेशानी चल रही है तब आप इसे बंद करना चाहते हैं और किसी दूसरे के कहने से कोई दूसरा बिजनेस करना चाहते हैं तो यह कब का गलत निर्णय होगा इसे जल्दी से जल्दी सुधार लीजिए।
अब बतात है कि चलो हम वही बिजनेस करेंगे तो क्या उस बिजनेस को हम एकदम नए तरीके से शुरू करना चाहिए या फिर अपने बिजनेस को और बिजनेस करने के तरीकों को सुधारना चाहिए।
ऐसी स्थिति में आपको अपने बिजनेस की कमियों को देखकर अपने बिजनेस करने के तरीकों को देखकर उसमें इंप्रूवमेंट करने की जरूरत है।
मान लीजिए आप कोई बिजनेस दोबारा से शुरू करते हैं और जब कि आपको उसमें पहले नुकसान हो चुका है तब ऐसी परिस्थिति में आप काहे डिसीजन गलत होगा क्योंकि आपने उस कमी को दूर करने की कोशिश ही नहीं किया आपने एकदम से उसे नया दिशा दे दी है नया मोड़ दे दिया है और यह समस्या आगे चलकर दोबारा सकती है तो ऐसी परिस्थिति में आप का बिजनेस शुरू करना काफी खतरनाक साबित हो सकता है।
बेहतर यही रहेगा कि आप अपनी समस्याओं का हल ढूंढने उनका समाधान खोजें और उस पर अमल करें जब आप ऐसा करेंगे तो आपको निश्चित रूप से ही सफलता मिलेगी इसमें कोई दो राय नहीं है।
तो हमारा आज का मूल मंत्र यह है अगर आप किसी कार्य को करते हैं तो उसे पूरी शिद्दत के साथ कीजिए अगर उसमें आपको सफलता नहीं मिल रही है तो कारण क्लास कीजिए उस कारण का हल निकालिए और दोबारा से लग जाइए आपको सफलता जरूर मिलेगी।
Leave a comment