टैटू बनवाने वाले लोगों को रक्तदान क्यों नहीं करना चाहिए?
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टैटू करवाना आज के समय में एक फैशन बन गया है हर कोई अपने हाथ पर और शरीर के अलग-अलग अंगों पर टैटू करवाना पसंद करता है. टैटू करवाने के लिए कुछ विशेष गाइडलाइंस होती है जैसे कि आपके हाथ पर जिस नीडल से टैटू किया जाता है उसका स्टेरलाइज होना जरूरी है. टैटू करने का कोई लाइसेंस नहीं होता है इसीलिए यह सुनिश्चिRead more
टैटू करवाना आज के समय में एक फैशन बन गया है हर कोई अपने हाथ पर और शरीर के अलग-अलग अंगों पर टैटू करवाना पसंद करता है.
टैटू करवाने के लिए कुछ विशेष गाइडलाइंस होती है जैसे कि आपके हाथ पर जिस नीडल से टैटू किया जाता है उसका स्टेरलाइज होना जरूरी है.
टैटू करने का कोई लाइसेंस नहीं होता है इसीलिए यह सुनिश्चित नहीं किया जा सकता कि नीडल को स्टेरलाइज किया गया था या नहीं.
जैसा कि हम सभी जानते हैं टैटू करने के टाइम पर नीडल त्वचा और रक्त के संपर्क में आती है इसीलिए इससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है और यह बीमारी को एक शरीर से दूसरे शरीर में फैला सकती है.
यदि कोई व्यक्ति टैटू करवाता है तो उसके शरीर में हेपेटाइटिस तथा आठ से संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है और इन बीमारियों का 1 साल तक कोई लक्षण भी नजर नहीं आता है इसीलिए डॉक्टर की सलाह रहती है कि जो व्यक्ति टैटू करवाते हैं उसे ब्लड डोनेट नहीं करवाना चाहिए उनका ब्लड नहीं लेना चाहिए.
टैटू करवाने वाले लोग कितने समय के बाद ब्लड डोनेट कर सकते हैं
किसी भी बीमारी के वायरस को पनपने के लिए कम से कम 6 महीने या 1 साल का समय लग सकता है अगर टैटू बनाने के टाइम पर नीडल के उपयोग से कोई बीमारी हो गई है तो वह 1 साल में अपना असर दिखा देती है
इसलिए यदि आप किसी व्यक्ति से ब्लड डोनेशन की डिमांड कर रहे हैं तो यह देख ले कि उसने 1 साल के अंदर कोई टैटू तो नहीं बनवाया है और यदि आप खुद एक ब्लड डोनर हैं तो आपको भी यह बात सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि जहां पर आप टैटू बना रहे हैं वह पूरे गाइडलाइंस का फॉलो करता है
और कम से कम 2 साल के बाद ही आपको ब्लड डोनेट करना चाहिए अन्यथा आप अपने साथ-साथ दूसरे लोगों का जीवन खतरे में डाल सकते हैं.