भारतीय संविधान का अनुच्छेद 243 में पंचायत की परिभाषा दी गई है| 1992 के 73वे संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा इसी संविधान में सम्मिलित किया गया|
पंचायती राज विकास
भारत सरकार ने समुदाय विकास कार्यों को बेहतर ढंग से करने के लिए समितियों का गठन किया|
- बलवंत राय मेहता समिति
- जी.वी.के. राव समिति
- एम एल सिंघवी समिति
राजस्थान देश का पहला राज्य था जहां पंचायती राज की स्थापना की गई तथा आंध्रप्रदेश ने इस योजना को 1959 में लागू किया|
बलवंत राय मेहता समिति
- तीन स्तरीय पंचायती राज की स्थापना
- ग्राम पंचायत के स्थापना प्रत्यक्ष रूप से चुने गए प्रतिनिधियों द्वारा|
- जिला परिषद का अध्यक्ष जिला अधिकारी होना चाहिए|
- लोकतांत्रिक निकायों में शक्ति तथा उत्तरदायित्व का वास्तविक हस्तांतरण|
जी.वी.के. राव समिति
- जिला परिषद लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण में सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान दिया जाना चाहिए|
- जिले में स्थानीय स्तर पर पंचायती राज संस्थाओं को विकास कार्यों के नियोजन
- पंचायत राज संस्थाओं में नियमित निर्वाचन होना चाहिए|
एम एल सिंघवी समिति
- गांव में समूह के लिए पंचायत की स्थापना की जाए|
- गांव की पंचायतों को ज्यादा आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराए जाएं|
- ग्राम पंचायतों को ज्यादा व्यवहार बनाने के लिए गांव का पुनर्गठन किया जाए|
सुझाव समितियों द्वारा दिए गए सुझाव से ग्राम पंचायतों मे अग्रणी उत्थान हुआ|
वर्तमान कानून के आधार पर पंचायतों का अस्तित्व
अनिवार्य प्रावधान
- एक गांव या गावो के समूह ग्राम सभा का गठन
- तीनों स्तरों पर सभी सीटों के लिए प्रत्यक्ष चुनाव
- पंचायत में चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष
- पंचायती राज संस्थाओं में चुनाव कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग की स्थापना
- पंचायत की वित्तीय स्थिति की समीक्षा के लिए प्रत्येक 5 वर्ष बाद एक राज्य वित्त आयोग की स्थापना