भारत की बढ़ती आबादी और पर्यावरणीय दृष्टिकोण के आधार पर सौर ऊर्जा एक महत्वपूर्ण विकल्प है| क्योंकि भारत में लगभग साल की 300 दिनों तक सौर प्रकाश प्राप्त होता है|
मिशन का उद्देश्य
सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत को दुनिया में नंबर बनना है| इसके लिए भारत सरकार द्वारा कार्बन उत्सर्जन में कमी लाई जाएगी| प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तरीके से रोजगार का सृजन किया जाएगा|
भारत में सौर ऊर्जा की स्थिति
- भारत सरकार ने 2022 के अंत तक 175 गीगावाट नवीकरणीय उर्जा जनता का लक्ष्य निर्धारित किया है|
- वर्ष 2035 तक देश में सौर ऊर्जा की मांग 7 गुना तक बढ़ने की संभावना है|
- सौर ऊर्जा का सर्वाधिक योगदान रूफटॉप (40%) सौर ऊर्जा और सोलर पार्क(40%) का है|
सौर ऊर्जा से होने वाले लाभ
- सौर ऊर्जा खत्म ना होने वाला संसाधन है|
- सौर ऊर्जा से वातावरण के लिए लाभकारी और वातावरण प्रदूषण नहीं होता|
- सौर ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए विद्युत या गैस ग्रिड की आवश्यकता नहीं होती|
सौर ऊर्जा की राह में चुनौतियां
- कुशल मानव संसाधन का अभाव|
- उपकरणों के दाम अधिक|
- औसत लागत प्रति किलोवाट एक लाख से अधिक है|
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन
- भारत ने ISA की स्थापना की पहल की जिसके परिणाम स्वरूप पेरिस में 30 नवंबर 2015 को संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन हुआ| इसके दौरान COP-21 से पृथक भारत और फ्रांस ने इसकी संयुक्त शुरुआत की|
- ISA मैं 67 देशों का गठबंधन है|
- ISA का उद्देश्य 1000 गीगावाट से अधिक सौर ऊर्जा की क्षमता को विकसित करना है|
बीते दशक के दौरान भारत की बढ़ती हुई आबादी से ऊर्जा की मांग में काफी वृद्धि हो रही है| इन सभी मांगों को पूरा करने के लिए पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के बजाय सौर ऊर्जा के जरिए आसानी से पूरा किया जा सकता है| इसके लिए न केवल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की जरूरत है बल्कि ऊर्जा के नए स्रोत तलाशने की |