ग्लेशियर
ग्लेशियर बर्फ से बनी एक चट्टान होती है जो अक्सर पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाते है यह बर्फ के बने होते है ग्लेशियर देखने में बहुत ही आकर्षक होते है | यह बहुत ही ठंढे होते है |
ग्लेशियर का निर्माण
ग्लेशियर का निर्माण का निर्माण कुदरती घटनाओ से होता है उनका निर्माण उन स्थानों पर होता है जहा पर बर्फ वासिश की तरह बरसती रहती है इनके निर्माण म सबसे म्ह्त्ब पूर्ण भूमिका तापमान के होती है जब कही भी बर्फ गिरती है तो बहा का तापमान माइंश में बहुत ही निचे चला जाता है और जो बर्फ गरती है वह पिंघल नही पाती है और बहा धीरे धीरे बर्फ की एक बहुत बड़ी चट्टान बन जाती है और यह धीरे धीरे ठोसे भी होती रहती है यह चट्टान कुछ मिनटों व् कुछ घंटो में नही बनती इसके निर्माण में कई साल लग जाते है यह बर्फ की बहुत बड़ी और ठोस चट्टान बन जाती है तो इसे ग्लेशिय कहा जाता है |
ग्लेशियर से खतरा
जैसा की आप जान चुके है की ग्लेशियर बर्फ के बने होते है और यह पहाड़ों के आस पास पाए जाते है यु तो ग्लेशियर यदि अपनी स्थिति में सामान्य है तो उससे कोइ कतरा नही होता है वैसे ग्लेशियर अपने आप नहीं टूटते परन्तु यदि यह किसी प्राक्रतिक घटना की बजह से इनका कोइ हिस्सा टूट जाता है तो यह एक बड़ी घटना को जन्म दे सकता है |
जैसे की हल ही में उत्तराखण्ड के चमोली में ग्लेशियर एक हिस्सा टूटने से बहा पर बसे गाँवो को बहुत नुकशान हुआ है |और उस ग्लेशियर की बजह से जिस नदी में बढ़ आई उस नदी पर चल रहे पॉवर प्लांट को बहुत नुकशान हुआ है | यह पर कई व्यक्ति जो एस प्रोजक्ट में कार्य कर रहे थे वह वहा फस गये थे जिन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया है यह एक प्राकृतिक आपदा होती है जिसके लिए कोइ भी जिम्मेदार नही होता है|
इस आपदा से बचने के लिए मनुष्य को पहले से तैयारी करनी होती है ताकि आपदा के समय वह सुरक्षित रह सके जिसे उसे एसी घटना होने पर जन की हानि नही होती है
आपदा से बचने के उपाय
- पहाड़ी क्षेत्रों के बस के समय इन चीजों का पहले से ही ध्यान रखना चाहिए|
- कभी भी नदियों के किनारे पर नहीं बचना चाहिए|
- सरकार के आदेशों का पालन करना चाहिए|