विराम चिन्ह किसे कहते है और ये कितने प्रकार के होते है?

विराम चिन्ह किसे कहते है और ये कितने प्रकार के होते है?

भाषा के लिखित रूप में रुकने अथवा विराम देने के लिए जिन संकेत चिह्नों का प्रयोग किया जाता है, वे विराम चिन्ह कहलाते है|

हिंदी के प्रमुख विराम चिन्ह

पूर्ण विराम (|)
अल्प विराम ( , )
प्रश्नवाचक चिन्ह( ? )
विस्मयादिबोधक चिन्ह( ! )
अर्द्ध विराम( ; )
उपविराम( : )
कोष्ठक( )
योजक( – )
निर्देशक( _ )
उद्धरण चिन्ह(”  “)

उदाहरण सहित विराम चिन्ह के प्रकार

पूर्ण विराम: वाक्य पूरा होने पर इसका प्रयोग होता है |
जैसे- भारत मेरा देश है |

अल्प विराम: जब लिखते समय एक शब्द को दुसरे शब्द से अलग करने के लिए थोडा रुकते है, तब अल्प विराम का प्रयोग करते है |
जैसे- राहुल, सचिन और अर्जुन पक्के मित्र है |

प्रश्नवाचक चिन्ह: प्रश्नवाचक वाक्य के अन्त में इसका प्रयोग होता है |
जैसे- क्या तुमने काम किया ?

विस्मयादिबोधक चिन्ह: विस्मय, घ्रणा, शोक आदि को प्रकट करने के लिए इसका प्रयोग होता है |
जैसे- वाह!, आहा! | 

अर्द्ध विराम: जहाँ अल्प विराम से कुछ अधिक ठहरते है, वहाँ अर्द्ध विराम का चिन्ह लगता है |
जैसे- रात बीती; सवेरा हुआ; चिडिया चहचहाने लगी |

उपविराम: जहाँ वाक्य पूरा न हो, वहाँ इस चिन्ह का प्रयोग होता है |
जैसे- किर्या के दो भेद है: 1) सकर्मक  2) अकर्मक 

कोष्ठक: किसी शब्द के अर्थ को स्पष्ट करने के लिए इसका प्रयोग होता है |
जैसे- कुटीर(छोटे) उधोगो में कम खर्च होता है |

योजक: विपरीत शब्द युग्मो इस चिन्ह का प्रयोग होता है |
जैसे- माता-पिता, रात-दिन

निर्देशक: आगे बताई जाने वाली बात के आगे इसका प्रयोग होता है |
जैसे- पालतू पशु_ गाय, भैस, घोडा आदि बहुत उपयोगी है |

उद्धरण चिन्ह: किसी की कही हुई बात को उसी तरह प्रकट करने के लिए इसका प्रयोग होता है |
जैसे- राम ने कहा, “सीता, तुम अयोध्या में ही रहो|” 

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