अंतरिम सरकार
2 सितंबर 1946 को जवाहरलाल नेहरू और उनके सहकर्मियों ने वायसराय की काउंसलिंग के सदस्य के रूप में शपथ ली.
यह काउंसलिंग नेहरू के नेतृत्व में एक प्रकार के मंत्रिमंडल के रूप में काम करने लगी नेहरू के नेतृत्व में काउंसलिंग के राष्ट्र समर्थक कार्यों और कांग्रेस की शक्ति में वृद्धि को देखते हुए वायसराय लार्ड वेवेल ने घबराकर मुस्लिम लीग को काउंसलिंग में शामिल होने के लिए राजी कर लिया.
मुस्लिम लीग को काउंसलिंग में शामिल करना इसलिए अपेक्षित था क्योंकि उसके बिना काउंसिल असंतुलित थी.
मुस्लिम लीग ने अब भी संविधान सभा में शामिल होने से अस्वीकार कर दिया लेकिन जवाहरलाल नेहरू को लार्ड वेवेल ने यह सूचना दी कि मुस्लिम लीग ने काउंसिल में शामिल होना स्वीकार कर लिया है.
9 दिसंबर 1946 को मुस्लिम लीग के सदस्यों की अनुपस्थिति में ही डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में संविधान सभा का गठन कर दिया गया.
मुस्लिम लीग ने इस संविधान सभा का विरोध किया और पृथक पाकिस्तान की मांग को और अधिक प्रखर रूप से सामने रखा.
भारत में जब पहली बार संविधान लागू हुआ था तो उस सरकार को अंतरिम सरकार के नाम से जाना जाता है. अंतरिम सरकार के मंत्री तथा उनके पदों की प्रमुख जानकारी इस प्रकार है:
1. जवाहरलाल नेहरू
कार्यकारी परिषद के उपाध्यक्ष, विदेश मामले एवं कॉमनवेल्थ संबंध.
2. बल्लभ भाई पटेल
ग्रह, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय सरदार वल्लभ भाई पटेल जी को दिया गया था.
3. बलदेव सिंह
बलदेव सिंह रक्षा मंत्री बने थे.
4. डॉक्टर जॉन मथाई
यह उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री बने थे.
5. सी राजगोपालाचारी
यह शिक्षा मंत्री बने थे.
6. सी एच भाभा
निर्माण, खनन, एवं ऊर्जा मंत्री.
7. राजेंद्र प्रसाद
यह कृषि एवं खाद्य मंत्री थे.
8. जगजीवन राम
इन्हें श्रम मंत्री की पदवी से नवाजा गया था.
9. आसफ अली
इन जनाब को रेलवे मंत्री बनाया गया था.
10. लियाकत अली खान
इन साहब को वित्त मंत्री बनाया गया था.
11. इब्राहिम इस्माइल चंडीगढ़
यह वाणिज्य मंत्री थे.
12. अब्दुल रब निस्तर
इन्हें संचार मंत्री बनाया गया था.
13. गजन पर अली खान
यह स्वास्थ्य मंत्री बने थे.
14. जोगेंद्र नाथ मंडल
इन्हें कानून मंत्री बनाया गया था.