छलावा ( मौत का एक भयानक चहरा)

छलावा ( मौत का एक भयानक चहरा)

नमस्कार दोस्तों आज हम लाए हैं आपके लिए एक बहुत ही दिलचस्प कहानी और इससे आपको बहुत ही अच्छी सीख मिलेगी और साथ ही हमारे अलावा भी कोई ऐसी दुनिया है जो जो अपना वजूद और एहसास हमें दिलाते हैं इसको हमें मानना ही पड़ेगा तो दोस्तों चलते हैं अपनी कहानी की तरफ,
बात काफी वक्त पुरानी है आज से 60 साल पहले की बात है ग़ाज़ियाबाद के एक गाँव में एक परिवार रहा करता था जिनके घर में 40 भैंसे थी उनके परिवार का मुखिया जितेंद्र सिंह था ,जितेंद्र सिंह एक बहुत ही नामी व्यक्ति था और वह किसी की बातों पर विश्वास नहीं करता था एक दिन की बात है जितेंद्र सिंह गांव की चौपाल पर बैठा था और 8, 10 गांव वाले भी बैठे थे और वह गाँव वाले आपस में बातचीत कर रहे थे कह रहे थे की रात के समय डहर के खेतों में कोई छलावा घूमता है जितेंद्र सिंह ने उनकी यह बात सुनी और उन सब से कहा छलावा कुछ नहीं होता और यह तो एक अफवाह है या तो वहां पर कोई चोर हैं और या कोई मजाक कर रहा है गांव वालों ने कहा जितेंद्र सिंह ऐसी कोई बात नहीं है कुछ लोगों ने अपनी आंखों से देखा है और वह सामने आकर गायब हो जाता है जितेंद्र सिंह ने कहा मैं भी रात में पानी चलाता हूं खेतों में परंतु मुझे आज तक कुछ नहीं दिखाई दिया एक गांव वाले ने कहा आपके खेत से लगभग 1 किलोमीटर आगे चल के छलावा दिखाई देता है कभी आगे जाकर देखेगा आपको एक छलावा दिखाई देगा उसी समय जितेंद्र सिंह ने निर्णय कर लिया आज रात में , मैं उस छलावे को जरूर देख कर आऊंगा और यदि वह दिखाई देता है तो उसकी जांच पड़ताल करके आऊंगा कि यह क्या चीज है गांव वालों ने जितेंद्र सिंह को समझाया ये ठीक नहीं है ऐसी हरकत ना करना जिससे तुमको नुकसान हो जाए, परंतु जितेंद्र सिंह बहुत ही जिद्दी और अड़ियल आदमी था उसने गांव वालों से कहा मैं वहां पर जरूर जाऊंगा और जितेंद्र सिंह इतना कहकर चौपाल से अपने घर की तरफ चल दिया अपने घर पहुंच कर जितेंद्र सिंह ने यह बात अपने घर पर बतायी, जितेंद्र सिंह के 5 लड़के थे, और 5 लड़कों ने कहा पिता जी हम भी आपके साथ चलेंगे जितेंद्र सिंह ने कहा नहीं मैं अकेला ही जाऊंगा मैं खेतों में रोजाना जाता हूं आज थोड़ा आगे जाकर देख लूंगा इस पर जितेंद्र सिंह की पत्नी बोली आप देख कर जाइएगा कहीं कोई अनहोनी ना हो जाए इस बात को सुनकर जितेंद्र सिंह हंसने लगा और कहने लगा ऐसी कोई चीज नहीं होती और यह सिर्फ एक वहम है धीरे-धीरे रात होती आ रही थी
और रात के समय जितेंद्र सिंह ने घर से निकलने के लिए तैयारी करके रोजाना वह एक हाथ में 1 डंडा, टॉर्च और बीड़ी माचिस अपने साथ ले जाया करते थे आज भी उसी तरीके से वह तैयार हो गए और वह अपने घर से निकल गए तकरीबन रात के 8:00 बजे थे रात के 8:00 बजे अपने घर से निकले और आधे घंटे में अपने खेतों पर पहुंच गए जब वह अपने खेत में पहुंचे उन्होंने अपने खेतों पर अपना काम निपटाया .
और फिर तकरीबन रात के 1:30 बजे वह अपनी टॉर्च, डंडा और बीड़ी माचिस लेकर आगे की तरफ चल दिए जैसा कि गांव वालों ने बताया था तकरीबन डेढ़ किलोमीटर आगे चलकर वह छलावा दिखाई देता है उन्होंने अपने खेत से चलना शुरू कर दिया और वह अपने खेत से लगभग 1:30 किलोमीटर आ गए पर उन्हें कुछ नहीं दिखाई दिया उन्होंने सोचा थोड़ी और आगे चलकर देखता हूं, वो थोड़ी आगे और गए उन्हें दिखाई दिया कि कोई व्यक्ति खाली खेत में हल जोत रहा है रात का समय था तो जितेंद्र सिंह को दूर से दिखाई नहीं दे रहा था जितेंद्र सिंह ने सोचा इतनी रात को कौन खेत जोत रहा है अब तकरीबन उस व्यक्ति को देखते-देखते 20 मिनट हो चुके थे जितेंद्र सिंह ने उसको आवाज लगाई परंतु उसने कुछ सुना नहीं और वो खेत जोत रहा था, जितेंद्र सिंह ने सोचा कि चलो उसके पास जाकर पूछता हूं यहां कोई छलावा दिखाई देता है क्या जितेंद्र सिंह खेत की तरफ चल दिए खेत की तरफ जा रहे थे जो चीज दिखाई दे रही थी, देखने में काफी बड़ी है ऐसा कैसे हो सकता है जितेंद्र सिंह बहुत तेजी के साथ आगे बढ़े जितेंद्र सिंह उस खेत पर पहुंच गए जहां वह व्यक्ति खेत जोत रहा था तो उनको पीछे से किसी ने आवाज लगाई जितेंद्र सिंह को आवाज सुनाई देने पर वो पीछे देखने लगे
और उन्हें कुछ दिखाई नहीं दिया उन्होंने सामने देखा तो वहां पर कोई भी नहीं था जो व्यक्ति खेत जोत रहा था वह भी गायब था उन्होंने सोचा कि यह मेरा वहम है परंतु जितेंद्र सिंह जब पीछे पीछे घूमे उन्होंने देखा तकरीबन 100 मीटर दूरी पर उसी तरीके से कोई व्यक्ति खेत जोत रहा है और उसके पैरों से पायल की आवाज आ रही है और जितेंद्र सिंह सोचने लगे शायद कोई मेरे साथ मजाक कर रहा है जितेंद्र सिंह बहुत तेज भाग कर उस खेत की तरफ पहुंचे जहां से उनको लगा था कि कोई व्यक्ति खेत जोत रहा है परंतु वहां पर भी उन्हें कुछ नहीं प्राप्त हुआ अब जितेंद्र सिंह यह सोचते सोचते अपने खेत की तरफ चल दिए परंतु उन्होंने देखा उनके खेत के पास जो पेड़ था वह बहुत जोर जोर से हिलने लगा और उन्होंने आसपास देखा कि वहां पर कोई नहीं था और ना ही हवा चल रही थी
अब जितेंद्र सिंह के मन में कुछ डर बैठने लगा जितेंद्र सिंह ने सोचा कि मैं उस पर टॉर्च मार कर देखता हूं जितेंद्र सिंह ने जैसे ही पेड़ पर टॉर्च मारी तो उन्हें बहुत थोड़ी सी झलक किसी के पैरों की दिखाई दी वह पैर बहुत बड़े और बहुत ही काले थे परंतु लाइट पढ़ते ही वह पर वहां से गायब हो गए यह देखकर जितेंद्र सिंह डर गए और वह तेजी से अपने घर की तरफ चल दिए जब वह अपने गांव की छोटी नहर के पास पहुंचे तो उन्हें उस नहर के पुल से किसी के पानी में छलांग लगाने की आवाज सुनी उन्हें लगा कि इतनी रात में कौन नहा रहा है उन्होंने पुल पर जाकर देखा तो वहां पर कोई नहीं था बस किसी के तहरने की आवाज आ रही थी जितेंद्र सिंह वहां से भागने लगे उन्हें लगा कि उनके पीछे कोई भाग रहा है जिसने पायल पहनी हुई है उन्होंने पीछे मुड़कर देखा तो वहां पर कुछ नहीं दिखाई दिया
और जब उन्होंने आगे देखा तो उनके सामने एक कुत्ता खड़ा दिखाई दिया जो उनके ऊपर भोक रहा था उन्होंने उस कुत्ते को मारने की कोशिश करी , कुत्ता जितेंद्र की तरफ जोर से भागा उन्होंने टॉर्च जला कर देखा तो वह कुत्ता नहीं था , वह तो एक भयानक व्यक्ति था जिसका पैर उन्हें उस पेड़ पर दिखाई दिया परंतु लाइट पढ़ते ही वह भयानक व्यक्ति वहां से गायब हो गया यह देखकर जितेंद्र सिंह बहुत तेज भागे और भाग कर अपने घर पहुंच गए बहुत जोर जोर से दरवाजा खटखटाया उन्हे लगा कि वह भयानक व्यक्ति अभी उनके पीछे है यह देख कर उन्होंने टॉर्च जलायी,
परंतु आज जितेंद्र सिंह ने बहुत बड़ी गलती कर दी थी अब वह भयानक व्यक्ति जितेंद्र सिंह के पीछे लग चुका था जितेंद्र सिंह की पत्नी ने घर का दरवाजा खोला, जितेंद्र सिंह अंदर आ गए आकर घर की सारी लाइट जला दी और वहां पर बैठकर जोर जोर से सांस लेने लगे सबको महसूस हुआ कि आज इनके साथ कुछ गलत हुआ है और यह बहुत डरे हुए हैं , जितेंद्र सिंह के पांचो लड़कों ने कहा कि पिताजी आप लेट जाओ आप डरो मत जितेंद्र सिंह ने कहा बेटा मैं डर नहीं रहा परंतु मैंने ऐसी चीज देखी है यह देखकर कोई भी डर जाएगा मैंने आज छलावे को देखा है, मैं आज तक अपनी जिंदगी में कभी नहीं डरा, जितेंद्र सिंह के तीसरे नंबर के लड़के ने कहा पिताजी आप मत डरो उस चलावे को हम देख लेंगे तीसरे नंबर का लड़का पहलवान था और वह बड़ी-बड़ी कुश्तियां जीत चुका था जितेंद्र सिंह ने कहा नहीं बेटा अबकी बार बहुत ही खतरनाक मंजर है जो मैंने देखा है इतना कहकर जितेंद्र सिंह अपने कमरे में चले गए और सोने लगे
अगले दिन वह उठे और चौपाल पर गए और उन्होंने गाँव वालों को बताया उनके साथ क्या हुआ गांव वाले जोर जोर से हंसने लगे उन्होंने कहा जितेंद्र सिंह जब कोई बुजुर्ग व्यक्ति किसी बात को बताए तो उसे ध्यान से सुनना चाहिए जितेंद्र सिंह ने कहा तुम मेरा मजाक उड़ा रहे हो मैंने वहां जाकर हिम्मत तो की परंतु तुम तो यहां बैठ कर बस बातें कर रहे हो उस पर गांव वालों ने कहा जितेंद्र सिंह अभी तुम गलती कर रहे हो मान जाओ कि तुम डर गए थे और हार गए हो जितेंद्र सिंह ने कहा नहीं मैं हार नहीं मान रहा और ना ही मैं डरा यह कह कर जितेंद्र घर चला गया,
आज जितेंद्र सिंह की तबीयत खराब थी , जितेंद्र सिंह घर पर ही थे और खेत पर नहीं गए उधर उनके घेर मैं जो भैसे बंधी थी उनमें से 2 भैंस खुली हुई थी बाहर बारिश हो रही थी रात बहुत अंधेरी थी इस अंधेरे का फायदा उठाकर कुछ बदमाश चोर गांव में घुस गए और जितेंद्र सिंह की दो भैसे चोरी करली और गाँव से भाग गये,
जितेंद्र को यह बात सुबह के समय पता लगे कि उसकी 2 भैंसे चोरी हो चुकी है और उनकी रिपोर्ट उसने पुलिस स्टेशन में करा दी परंतु उसे भैंसे नहीं मिली
एक दिन जब गांव वालों की बात को अनदेखा करके जितेंद्र सिंह रात में फिर खेत पर गया और कार्य करने लगा तब जितेंद्र सिंह को थोड़ी सी दूरी से एक आवाज आई जितेंद्र सिंह जो तुम्हारी दोनों भैंसे थी वह गांव के बाहर वाले झोड़ के पास खड़ी है जाकर उन्हें ले आओ और घर पर बांध लो जितेंद्र सिंह ने उसीकी आवाज सुनी और जितेंद्र बहुत तेजी के साथ झोड़ की तरफ भागे जैसे ही जितेंद्र सिंह जोड़कर पास पहुंचे तो वहां का मंजर देखकर वह घबरा गए उन्होंने देखा उस झोड़ के पास कई हजार भैंसे खड़ी हुई थी जैसे जितेंद्र सिंह वहां पहुंचे सारी भैसे जितेंद्र सिंह की तरफ देखने लगी और गुर्राने लगी सारी भैंसे जितेंद्र सिंह की तरफ तेजी से बढ़ने लगी और उनकी आँखे लाल लाल चमक रही थी यह नजारा देखकर जितेंद्र सिंह बहुत तेजी से घर की तरफ भागे और उनके दिल में डर बैठ गया घर पर पहुंचे बहुत जोर जोर से दरवाजा खटखटाया आज उनकी हालत बहुत ज्यादा गंभीर थी
जितेंद्र सिंह ने किसी से कोई बात नहीं की जा कर अपने कमरे में लेट गए उनकी पत्नी जितेंद्र सिंह के पास गई और उसने अपने पति से पूछा क्या हुआ आज इतना डरे हुए क्यों हो जितेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी को सारी बात बताई और अपनी पत्नी से कहा अब मुझे नींद आ रही है आज जितेंद्र सिंह सपना देख कर डर रहे थे और डर कर बार-बार पलंग से नीचे गिर जाते थे उनकी पत्नी पूरी रात जागी रही परंतु सुबह के 3:30 बजे, उनकी पत्नी की आंखें लग गई और तकरीबन सुबह 7:00 बजे उनकी पत्नी की आंख खुली और उन्होंने पाया कि जितेंद्र सिंह अभी तक सो रहे हैं उन्होंने जितेंद्र सिंह को उठाने की कोशिश की परंतु जितेंद्र सोते रहे उनकी पत्नी ने डॉक्टर को बुलाया, डॉक्टर ने जितेंद्र सिंह की नवज और दिल की धड़कन चेक करने के बाद जितेंद्र सिंह को मृत घोषित कर दिया और उनके घर में मातम छा गया,

आज भी उनका परिवार रात के समय डहर के खेत मे नहीं जाता,
ऐसी बोहोत सी घटना वहाँ हो चुकी हैं अब रात मे बोहोत कम लोग वहा जाते हैं और 1 बजे से पहले लोट कर आ जाते हैं

इस कहानी से सीख मिलती हैं की जब कोई बड़े व्यक्ति किसी बात को समझा रहे हो जिसके बारे में हमे नहीं पता तो उनकी बात मान लेनी चाहिए.

धन्यवाद दोस्तो
हम फिर मिलेंगे अपनी नयी कहानी के साथ

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