महात्मा गांधी जी का परिचय
महात्मा गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर सन 1896 ई० को हुआ था इनका पुरा नाम मोहन दास करमचंद गाँधी था इन्होने अपने विधार्थी जीवन का अधिकांश समय विदेशो में व्यतीत किया था |परन्तु इन्होने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा अपने ही देश में प्राप्त की | और फिर आगे की पढाई के लिए इंग्लैंड चले गये |उस समय भारत में ब्रिटिश सरकार का शासन चल रहा था इंग्लैंड से पढाई पूरी करने के बाद ये भारत वापस आग गये |और स्न्होने वकालत करनी शुरू कर दी |महात्मा गाँधी एक बार विदेश गये हुए थे तब भारत में जलियांवाला बाग हत्या कांड हुआ था इन्हे इस घटना के बारे में कुछ नही पता था जब ये भारत बापस आये तो इन्हे इस घटना का पता चला की जलीयवाला भाग में एक ब्रिटिश अधिकारी ने बाग में आयोजित सभा पर गोली चलवा दी |और उसमे सेकड़ो निहते भारतीय मरे गये |
इस घटना से प्रभावित होकर गाँधी जी ने वकालत छोड़ दी और आन्दोलन में कूद पड़े इन्होने अपने जीवन में अनेक आन्दोलन शुरू किये और उन्हें पूरी तरह से सफल बनाया | यह एक बार रेलगाड़ी से सफर कर रहे थे इनके पास प्रथम श्रेणी का टिकट होने पर भी अंग्रेजो ने इन्हे उस श्रेणी में सफर नही करने दिया गया |
गाँधी की को उस श्रेणी में इसलिए सफर नही करने दिया गया क्योकि उस श्रेणी में अंग्रेज़ी अफसर सफर कर रहे थे और उनका रंग गोरा था अत: गाँधी जी को काले रंग का होने के कारण अंग्रेजो ने उन्हें सफर नही करने दिया गया था |उसके बाद गाँधी जी ने अंग्रेजो की इस रंग भेद निति का विरोध किया था |
महात्मा गाँधी जी ने ब्रिटिस सरकार की हनाशाही से बहुत दुखी होकर सरकार के खिलाप असहयोग आन्दोलन का प्रारम्भ किया इसमे गाँधी जी को देश वासियों का बहुत सहयोग मिला इस आन्दोलन के शुरू होने से भारत के जितने भी लोग सरकारी नौकरी कर रहे थे उन्होंने अपनी नोकरी से त्याग पत्र दे दिया था |सरकार के खिलाप आवाज बुलंद करने के इस अवसर को कोइ भी भारतवासी खोना नही चाहता था इस आन्दोलन से सरकार पर यह दबाब बनाना चाहते थे की वो हमे स्वतंत्र कर दे |
महात्मा गाँधी जी ने अंग्रेजो के नमक कानून को तोड़ने के लिए सावरमती आश्रम से अपने 78 सहयोगियों के साथ नमक कानून को तोड़ने के लिए दंदियात्रा का प्रारम्भ किया और वे इस कार्य में सफल हुए उनके इस आदमिय या न दबने वाले सहास ने अंग्रेजो के भारत की जमीन से पैर उखड दिए थे |गाँधी जी स्वंत्रता की लड़ाई में नर्म दल के नेता थे उनका कहना था की यदि हम नर संहार करके आजादी को हासिल करे हो इस मानव रहीत धरती पर कौन राज करे गया |
महात्मा गाँधी जी को राष्ट्र पिता व बापू के नाम से भी पुकारा जाता था |हर वर्ष 2 अक्टूबर को महात्मा गाँधी जी की याद में उनकी जयंती पर उनको पूरा राष्ट्र उन्हें व उनके समस्त कार्यो को याद करता है |और उन्हें श्रद्धांजलि समर्पित करते है
Subhash Chandra Bosh aor Lal Bahadur Shastri ka jivan parichay bhi do ye hi to sachche deshbhakt the.