दोस्तों भारत देश एक युवा देश है यहां पर युवाओं की संख्या दूसरे आयु वर्ग के लोगों से बहुत ज्यादा है।
अगर हम साधारण तौर पर बात करें तो भारत देश में लगभग 65% युवा व्यक्ति निवास करते हैं।
दोस्तों सभी यंगस्टर्स के सामने सबसे बड़ी चुनौती उनके करियर को लेकर आती है कुछ लोगों को कठिन परिश्रम करने के बाद भी नौकरी नहीं मिल पाती है इसके पीछे काफी कारण हो सकते हैं जैसे कि पढ़ने के लिए अच्छे इंस्टिट्यूट करना मिल पाना और पढ़ने के लिए टाइम तथा मनी मैनेजमेंट ने कर पाना या कोई दूसरे अन्य पारिवारिक करण।
आज इस आर्टिकल के माध्यम से मैं आपको यह बताना चाहूंगा कि किस प्रकार से एक विद्यार्थी अपनी जीवन शैली को व्यवस्थित कर सकता है जिससे कि उसे अपने आने वाले समय में किसी भी प्रकार की कोई समस्या जैसे कैरियर नौकरी बिजनेस या कोई दूसरा अन्य समस्या का सामना ना करना पड़े और वह अपने हर काम में चाहे वह नौकरी हो या बिजनेस हो या कुछ और हो सभी में सफलता हासिल करें।
विद्यार्थी की सफलता का मूल मंत्र
काक चेष्टा बको ध्यानं श्वान निद्रा तथैव च
अल्पाहारी ग्रह त्यागी विद्यार्थी च यह पंच लक्षणम्
अर्थात एक विद्यार्थी को हमेशा कौवे की तरह चेस्ट रखनी चाहिए जिस प्रकार कौवा पेड़ की डाल पर या घर की दीवार पर बैठकर एकाग्रता से यह है कांव-कांव करता रहता है कि उसे भी कुछ खाने के लिए चाहिए और जैसे ही आप की नजर बस्ती है वह अपना खाना ले लेता है
ठीक उसी प्रकार हमें भी हर समय ज्ञान पाने की नई-नई चीजें सीखने की और अपने जीवन में अच्छा चरण लाने की चेष्टा होनी चाहिए हमें अपने आसपास चाहे कोई भी हो उसी से सीखने के लिए हर समय लालायित रहना चाहिए यही हमें को कैसे संदेश मिलता है।
Bako dhyanam
इसका मतलब होता है कि हमें बगले की तरह ध्यान रखना चाहिए आपने देखा होगा कि बगुला एक टांग पर पानी की धारा में खड़ा रहता है और अपने आसपास से जाने वाली मछलियों पर सटीक निगाह बनाकर रखता है
जैसी कोई मछली बल्ले के पैर के पास से गुजरती है बगुला उसे एकदम पकड़ लेता है और अपना पेट भरता है ठीक उसी प्रकार विद्यार्थी को भी बगुले की तरह टकटकी लगाकर अपने लक्ष्य की ओर ध्यान रखना चाहिए
ऐसा करने से विद्यार्थी को अन्य बाधाओं में से निकलने का ऑप्शन मिल जाता है और समाज में या उसके आसपास हो रही अरुचिकर घटनाओं पर उसका ध्यान नहीं जाता है विद्यार्थी का अपना लक्ष्य ही उसे सफलता तक ले जाता है इसलिए हमें बदले जैसा ध्यान रखना बहुत जरूरी है
स्वान निद्रा
सुहान कहते हैं कुत्ते को और निंद्रा कहते हैं नींद को इसका मतलब यह है कि एक विद्यार्थी को कुत्ते के जैसी नींद लेनी चाहिए आपने देखा होगा अगर हम जरा सी आहट करते हैं तो कुत्ता एकदम उठ कर खड़ा हो जाता है इसका कारण यह है कि कुत्ता कच्ची नींद सोता है
विद्यार्थी को हमेशा कच्ची नींद नहीं सोना चाहिए उसे हमेशा अपने लक्ष्य के प्रति सजग रहना जाएगी अपने जीवन के सभी कर्तव्य को ध्यान में रखेंगे अपनी जिम्मेदारी का एहसास करेंगे और अपने भविष्य को लेकर चिंतित रहेंगे तो आपकी निंदा स्वता ही स्वान निद्रा में परिवर्तित हो जाएगी जो आपके शरीर के लिए बहुत आवश्यक है
अल्पाहारी
इसका मतलब होता है कि आपको कम खाना खाना चाहिए आपने देखा होगा कि खाने-पीने की सभी चीजें हमें मादकता प्रदान करती हैं यदि आप खाना खाने के समय आवश्यकता से अधिक खाना खाएंगे तो आपको परेशानी हो सकती है
मान लीजिए आप 1 दिन में सुबह के टाइम यह दोपहर के टाइम केवल चार रोटी खाते हैं तो यदि आप एक विद्यार्थी हैं तो आपको चार रोटी में से तीन रोटी खानी चाहिए अन्यथा आपको खाना खाने के बाद नींद आएगी और आप जब पढ़ने बैठेंगे तो आपको पढ़ाई में भी मन नहीं लगेगा इससे आपको एक हल्का सा नशा सा हो जाएगा क्योंकि खाने पीने की सभी चीजों में कुछ ऐसे पदार्थ पाए जाते हैं जो मनुष्य की ग्रंथियों को शिथिल कर देते हैं जिससे हमें नींद आती है
पूरी विद्यार्थी होने के कारण हमें कम से कम सोना चाहिए तथा ज्यादा से ज्यादा अपने लक्ष्य के प्रति सजग रहना चाहिए तभी हम अपने जीवन में कामयाब हो सकते हैं
Grih Tyagi
घर को त्याग देने वाला ही अपने जीवन में सफल होता है दोस्तों आपने अक्सर देखा होगा हमारे देश में यह दुनिया में जितनी भी सफल शख्सियत हैं जैसे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी पूर्व राष्ट्रपति डॉ अब्दुल कलाम जी और इनके साथ सथ अन्य दूसरे सभी लोग जो भी अब जिन्होंने भी अपने जीवन की
असीम उपलब्धियों को प्राप्त किया है सभी ने अपने जीवन में कभी ना कभी अपने घर को तैयार करके ही घर का मुहूर्त याद करेगी ही अपने मां बाप भाई बहन तथा परिवार वालों का मोह त्याग करके ही अपने आप को सफल सिद्ध किया है
गृह त्याग नाही एक प्रकार की सिद्धि है और मनुष्य को विद्यार्थी को अपने जीवन में सफल होने के लिए ऐसा करना ही चाहिए।
यदि आप एक नॉर्मल विद्यार्थी हैं वह घर पर पढ़ाई करते हैं तो आपको उसमें कई प्रकार की बाधाएं आ सकती हैं जैसे कि घर के परिवार के सदस्यों के साथ काफी समय बातचीत करने में भी निकल जाता है कभी-कभी हम कुछ अनावश्यक कार्य भी करते रहते जी जो हमारे लिए ज्यादा इंपोर्टेंट नहीं है उन्हें भी करते रहते हैं इससे भी हमारे समय का नाश होता है
ऐसी स्थिति में यदि हम घर से थोड़ा सा दूर रहेंगे चाहे हम हफ्ते में एक बार या महीने में एक बार अपने घर पर आकर सभी परिवार के सदस्यों से मिलने तो वह काफी रहता है लेकिन यदि हम अपनी पढ़ाई को बताना देकर अपने परिवार को बता देंगे तो उससे विद्यार्थी की पढ़ाई काफी हद तक प्रभावित होती है
इसके लिए मैं काफी हद तक परिवार के सदस्य को भी यह कहना चाहूंगा कि कम से कम कुछ समय निर्धारित कर दीजिए कि इतने समय आपके अपने बच्चों को पढ़ने के लिए ही देना है उसे कोई अन्य दूसरा काम नहीं करना है और यदि आपका बच्चा बिना किसी कारण के समय को बेस्ट कर रहा है तो आपको उसे बता देना चाहिए कि अब आपको पढ़ने का समय हो गया है थोड़ा पढ़ना चाहिए
यदि वह कुछ बातें जो एक विद्यार्थी को अपने जीवन में कामयाबी की राह दिखाती हैं और यदि विद्यार्थी इन सूत्रों का पालन करेगा तो अपने जीवन में जरूर सफलता हासिल करेगा आपको हमारा यह सुझाव कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताइए अगर आप अपनी कुछ राय देना चाहते हैं तब भी आप हमसे भी बेझिझक बात कर सकते हैं हम आपकी सभी कमेंट को पढ़ते हैं और उनके अनुसार आपको प्रत्युत्तर भी करते हैं।
यदि कोई विधार्थी अपने जीवन में इन पॉंच लक्षणों का पालन करता है तो उसे अपने जीवन में सौ प्रतशित सफलता की प्राप्ति होगी |