दोस्तों आज हमने अपने आर्टिकल के माध्यम से आपको एक संदेश देने की कोशिश की है पहले इस संदेश को इसकी ओरिजिनल फॉर्म में समझ लेते हैं उसके बाद हम इसके सभी महत्वपूर्ण मापदंडों पर चर्चा करेंगे।
जैसे कि आर्टिकल के टाइटल में दिखाया गया है हमारे इस पोस्ट का शासक है।
कलयुग केवल नाम अधारा सुमर सुमर नर उत्तरपारा
इसका हिंदी में अनुवाद है कि कलयुग में एक ऐसा समय आएगा जब मनुष्य को अपने जीवन के उद्धार के लिए किसी भी प्रकार के कोई कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता नहीं रहेगी उस समय पर केवल ईश्वर का नाम का सुमिरन करके ही लोग अपने जीवन को अपनी आत्मा को इस भवसागर के बंधन से पाता सकते हैं।
अब हम इसका दैनिक जीवन में चल रहा कुछ महत्व देख लेते हैं पहले हम इसका डॉक्यूमेंटल प्रूफ तथा एक्जिस्टेंस देखते हैं
दैनिक जीवन में आधार का महत्व
सन 2014 में मोदी गवर्नमेंट आई है इन्होंने भारत के प्रत्येक नागरिक को आधार कार्ड से जोड़ने का संकल्प किया है और इस दिशा में निरंतर प्रयास कर रहे हैं आज भारत के लगभग सभी व्यक्ति आधार कार्ड से कनेक्ट हो गए हैं
आधार कार्ड लाने से पहले मनुष्य को अपना एड्रेस प्रूफ देने के लिए पहचान पत्र तथा आईडी प्रूफ देने के लिए पैन कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस यह दूसरे सर्टिफिकेट की आवश्यकता पड़ती थी परंतु आज के समय में आप बिना एड्रेस प्रूफ चाहिए जैसे कि वोटर आईडी कार्ड मूल निवास प्रमाण पत्र राशन कार्ड यादी के अलावा भी केवल आधार कार्ड के द्वारा ही अपना पहचान करवा सकते हैं और उसके लिए आपको आधार कार्ड की जरूरत होती है
ऐड्रेस वेरीफिकेशन के लिए भी आपको इसी प्रकार के कोई डॉक्यूमेंट की आवश्यकता नहीं है आप केवल आधार कार्ड के मैसेज पर ही अपना एड्रेस तथा पहचान को प्रमाणित कर सकते हैं और इसका मुख्य वजह है कि आधार कार्ड से आप सभी कनेक्टेड हैं आपको एक यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर दिया गया है जिसके आधार पर आपकी पहचान की जाती है।
तो हमें यह भविष्यवाणी कि कलयुग केवल नाम अधारा सुमर सुमर नर उतरीं पारा काफी हद तक सही होती नजर आ रही है।
आज के समय में मतदान करने के लिए भी हमें पहचान पत्र के स्थान पर आधार कार्ड से ही काम चल जाता है आप आधार कार्ड ले जाकर अपना वोट डाल सकते हैं जबकि आधार कार्ड से पहले पहचान पत्र होने के अलावा और कोई डाक्यूमेंट्स नहीं था जिसे ले जाकर आप अपना वोट डाल सकते थे।
आधार का आध्यात्मिक जीवन में महत्व
दोस्तों यह मत अनेक प्रकार के साधु-संतों के बीच प्रचलित है आपने अक्सर सुना होगा या टेलीविजन के प्रोग्राम के माध्यम से देखा हुआ कि पुराने समय में लोग ईश्वर की प्राप्ति के लिए घोर तपस्या करते थे कभी-कभी तो है ऋषि मुनियों के ऊपर दीमक जम जाती थी और पशु पक्षी अपना घोंसला बना लेते थे मिट्टी उनके ऊपर चढ़ जाती थी लेकिन उनकी तपस्या खत्म नहीं होती थी क्योंकि इस पर को प्राप्ति का मार्ग पहले बहुत कठिन था
ईश्वर को प्राप्त करना सबसे बड़ा कार्य माना जाता था और उस टाइम पर इस पर को प्राप्त करने के लिए भी उतना ही कठिन प्रयत्न करने पड़ते थे कभी-कभी तो कुछ ऋषि मुनि एक पैर पर खड़े होकर तपस्या करते थे तब भी उन्हें कई वर्षों तक कई हजार परसों तक तपस्या करनी पड़ती थी और तब जाकर उन्हें ईश्वर की प्राप्ति होती थी।
लेकिन आज के समय में परिस्थितियां कुछ बदल गई है ना तो अब मनुष्य के शरीर में इतनी ताकत नहीं है कि मैं इतने वर्षों तक तपस्या कर सके और ना ही मनुष्य की आयु इतनी लंबी रही है कि मैं कहीं आधार वर्ष तक अवश्य कर सकें।
लेकिन आपने देखा होगा भगत के बस में है भगवान यह कहानी यहीं पर सार्थक होती है क्योंकि जैसे-जैसे मनुष्य की समस्त घटती चली जा रही है वैसे ही मनुष्य को ईश्वर प्राप्ति का मार्ग ईश्वर ने बहुत आसान कर दिया है।
आज के समय में आप केवल राम नाम का स्मरण करके ही अपने आप को बहुत सागर से पार कर सकते हैं और ऐसा करने के लिए ही प्रत्यक्ष रूप में नरेंद्र मोदी जी ने आधार कार्ड का संबंध जारी किया है और आध्यात्मिक का स्मरण शब्द के सुनने से है।
अब आपको शब्द तक पहुंचने के लिए किसी भी प्रकार के कठिन योग की आवश्यकता नहीं होती है आप केबल किसी व्यक्ति विशेष से ही जो शब्द के जाने वाले हैं उनसे इसका संपर्क करके आप अपनी तपस्या को कंटिन्यू कर सकते हैं।
और इसलिए कहा गया है कि जो
से जोत जगाते चलो ज्ञान की गंगा बहाते चलो
जहां पर जोत का मतलब उस व्यक्ति से जो पहले से शब्द का सुमिरन करता है और वह आने वाले अपने सभी व्यक्तियों को शब्द के साथ जोड़ सकता है इसलिए कहा गया है जोत से जोत जलाते चलो और यह जो स्वरूप ही ज्ञान है एक दूसरे को मिलता रहेगा तो उससे एक लहर बन जाएगी जब काफी सारे लोग ज्ञान का प्रवाह करते हैं तो क्या एक जोत से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक प्रवाहित होने लगता है और इस प्रकार वह ज्ञान गंगा का रूप धारण कर लेता है यह काम पिछले कई वर्षों से लगातार चल रहा है ईश्वर ने अपना आधार जो बताया था उस पर काम शुरू कर दिया है और यह धीरे-धीरे चल रही है।
अगर आपको कलयुग केवल नाम अधारा सुमर सुमर नर उतरेंगे पारा के संबंध में कोई दूसरी जानकारी लेनी है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बता सकते हैं या फिर आप हमसे इस वेबसाइट के माध्यम से सीधे संपर्क कर सकते हैं हम आपको इसके बारे में कुछ जानकारी जरूर प्रोवाइड कर आएंगे।