एथिल ब्रोमाइड ( C2 H5Br )
प्रोग्शाला विधि –
एथिल ऐल्कोहल की अभिक्रिया पौतेशियम ब्रोमाइड और सान्द्र सल्फुरिक अम्ल के साथ करने पर एथिल ब्रोमाइड,जल व अन्य पदार्थ भी बनते है|
C2 H5 OH +KBr +H2SO4 → C2H5Br +KHSO4 +H2O
विधि –
इस विधि में एक आसवन फ़्लास्क लेते है |और फिर एथिल ब्रोमाइड और KBrऔर H2SO4का मिश्रण तैयार करते है |और फिर इस आसवन फ़्लास्क में एथिल ब्रोमाइड और KBr, H2SO4 का मिश्रण लेते है
आसवन फ़्लास्क को जल संघनित्र से जोड़ देते है जल संघनित्र को एक स्टेंड की सहायत जोड़ देते है और फिर जल संघनित्र का दूसरा सिरा एडैप्तर की सहायता से जल से भरे ग्राही फ़्लास्क में डुबो देते हैफ्लाक्स की मुख पर कॉर्क के ढक्कन लगा देते है और उसे संघनित्र को कार्क में लगा देते है
जिससे उसे गर्म करने पर उसमे से गैस बहार न निकले और सीधे जल संघनितत्र में जाये | आसवन फ़्लास्क को बर्नर बालू उष्मक की सहायता से स्टैंड पर रखकर धीरे – धीरे गर्म करते है| जिससे एथिल ब्रोमाइड गैस बनती है जो जल संघनितत्र से होकर ग्राही फ़्लास्क में एकत्रित हो जाती है |
भौतिक गुण
- यह एक रंगहीन द्रव होता है |
- इस द्रव में से मधुर गन्ध आती है |
- यह द्रव भारी होता है |
- यह जल में अघुलनशील होता है |
रासायनिक गुण
एथिल ब्रोमाइड की अभिक्रिया सिल्वर सायनाइट के साथ करने पर
एथिल ब्रोमाइड की अभिक्रिया सिल्वर सायनाइट के साथ करने पर एथील ब्रोमाइड सायनाइट और सिल्वर ब्रोमाइड बनता है |
C2 H5Br +AgCN→ C2H5CN +AgBr
एथिल ब्रोमाइड की अभिक्रिया जलीय KOH के साथ करने पर
एथिल ब्रोमाइड की अभिक्रिया जलीय KOH के साथ करने पर एथिल ऐल्कोहल और KBrप्राप्त होता है |
C2 H5Br +KOH→ C2H5OH +KBr
एथिल ब्रोमाइड की अभिक्रिया जिंक के साथ करने पर
एथिल ब्रोमाइड को शुष्क ईथर की उपस्थिति में जिंक के साथ करने में संघनन होता है और N व्युटेन बनता है|
C2 H5Br +Zn + C2H5KBr→शुष्क ईथ→C2H5C2H5+znBr2
एथिल ब्रोमाइड के उपयोग
- एथिल सायनाइड बनाने में |
- सिल्वर ब्रोमाइड बनाने में |
- एथिल बेंजीन बनाने में |
- N व्युटेन बनाने में |
- पोटेशियम ब्रोमाइड बनाने में |