सबसे पहले जानते है की फिनॉल क्या है –
फिनॉल एक एरोमैटिक कार्बनिक योगिक है जिसका अणुसूत्र C6H5OH होता है जिसमें -OH समूह एरोमैटिक रिंग के sp2 संकरित कार्बन से जुडा रहता है |जिसे फिनॉल कहते है|जैसा की आप चित्र में स्पष्ट है — यह सफेद रंग का क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है।
तो अब जानते है फिनॉल बनाने की विधि के बारे में –
फिनॉल को अनेक विधियो द्वारा बनाया जा सकता है जो इस प्रकार है –
1. सल्फ्यूरिक अम्ल से (H2SO4) – बेंजीन (C6H6) सान्द्र सल्फ्यूरिक की क्रिया से सल्फोनिक अम्ल बनती है ,अम्ल के सोडियम लवण को NaOH ( सोडियम हाइड्रोक्साइड ) के साथ गलाने पर फिनॉल प्राप्त होता है |
C6H5 + H2So4 → C6H5So3 + NaoH → C6H5So3Na +NaoH → C6H5OH + Na2So3
2. डाइ – एजोनियम क्लोराइड से ( प्रयोगशाला विधि )- इसमें बेंजीन के नाइट्रीकारण से प्राप्त नाइट्रोबेंजीन को अपचयित करने पर एनिलिन प्राप्त होता है जो डाइ-एजिकृत करने के बाद गर्म करने पर फिनॉल देता है|
C6H6 +No2 →C6H5No2 + 6 H → C6H5NH2 + NaNo2 + HCL → C6H5N=N-Cl +H2O → C6H5OH + HCl + N2
3. रेशिंग (Rasching) विधि – बेंजीन बाष्प , वायु व HCl वाष्प के मिश्रण को Cucl2 उत्प्रेरक पर प्रवाहित करने पर क्लोरोबेंजीन बनती है जो 500डिग्री c पर भाप के साथ गरम करने पर फिनॉल देती है|
C6H6 + HCl +O2 → C6H5Cl+ H2O →C6H5OH+ HCl
भाप
अब हम जानते है फिनॉल के रासायनिक गुणों के बारे में –
(1) Pcl5 की क्रिया से – फिनॉल की क्रिया फास्फोरस पेंटा क्लोराइड (Pcl5) से करने पर क्लोरोबेंजिन बनती है |
C6H5OH+ Pcl5→ C6H5Cl + POCl3+HCl
(2) एसिटीलिकरण – फिनॉल , एसिटीलिन क्लोराइड से क्रिया करने पर एस्टर बनती है |
CH3CoCl + C6H5OH → CH3COOC6H5 +HCl
(3) NH3 से क्रिया – फिनॉल ZnCl की उपस्थिति में 400 डिग्री c पर गर्म करके अमोनिया से क्रिया करने पर एनिलिन बनती है
C6H5OH+ NH3 → C6H5NH2+ H2o
(4) जिंक डस्ट की क्रिया – C6H5OH को Zn के साथ आसवन करने पर बेंजीन प्राप्त होता है
C6H5OH +Zn → C6H6 +ZnO
(5) FeCl3 से क्रिया – यह जटिल आयरन लवड बनाने के कारण बैंगनी रंग देता है ( इसे फिनॉल का परिक्षण भी कहते है )
6C6H5OH+FeCl3 → Fe(C6H5o)6+ 3HCl+3H
फिनॉल के उपयोग ( Use of Phenol )-
- जिवाणुनाशक के रूप में |
- रोशनाई( Ink) के संरक्षण में|
- पिप्रिक अम्ल बनाने में जो एक प्रबल विस्फोटक पदार्थ है |
- सैलिसिलिक अम्ल , सैलोज तथा एस्प्रिन आदि दवाइयों के बनाने में |
फिनॉल के परिक्षण ( Tests of phenol )-
- इसमें एक विशेष प्रकार की फिनोलिक गंध होती है |
- फेरिक क्लोराइड डालने पर नीला या बैंगनी रंग देता है|
- इसको लिबरमैन अभिक्रिया द्वारा पहचाना जाता है|
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Chemistry