बेंजीन डाइ -एजोनियम क्लोराइड बनाने की विधि , इसकी मुख्य अभिक्रियाएँ

बेंजीन डाइ -एजोनियम क्लोराइड बनाने की विधि , इसकी मुख्य अभिक्रियाएँ

 

Benzene Diazonium Chloride Formation? - TEXTILESGREEN

सबसे पहले हम जानते है की बेंजीन डाइ -एजोनियम क्लोराइड क्या होता है – 

 

यह एक कार्बनिक तथा जल में घुलनसील यौगिक है इसका अणूसूत्र C6H5N2Cl होता है -जैसा की चित्र से स्पष्ट है –

 

बेंजीन डाइ -एजोनियम क्लोराइड बनाने की विधि –   सबसे पहले एनिलिन के हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में बने हिमशीतल विलयन पर सोडियम नाइट्राइड के ठंडे विलयन की क्रिया से बेंजीन डाइ -एजोनियम क्लोराइड बनता है |

 

NaNo2 + Hcl  →  HNo2 + NaCl

C6H5 NH2 + HCl  →  C6H5NH3Cl

C6H5NH3Cl + HNO2  →  C6H5N=N-Cl  + 2H2O

 

डाइ- एजोटीकरण अथवा डाइ- एजो अभिक्रिया द्वारा निर्माण  –  एनिलिन को 0 डिग्री c पर NaNo2 व HCl से क्रिया करने पर – NH2 समूह -N=N-Cl समूह से विस्थापित हो जाता है इस क्रिया को डाइ- एजो अभिक्रिया या डाइ- एजोटीकरण कहते है |

 

C6H5NH2 + NaNO2 + 2HCl →  C6H5N=N-Cl + NaCl + 2H2O

 

बेंजीन डाइ -एजोनियम क्लोराइड के रासायनिक गुण –

 

1. हाइड्रोक्सिल समूह द्वारा विस्थापन ( फिनॉल का बनना ) – लवण के जलीय विलयन में कुछ बुँदे H2SO4 की मिलाकर गर्म करने पर अथवा भापीय आसवन करने पर फिनॉल बनता है |

 

C6H6N2Cl + H2O     →    C6H5OH + HCl + N2

 

2. हैलोजन द्वारा विस्थापन ( सेडमायर  अभिक्रिया ) –  जब बेंजीन डाइ -एजोनियम लवण के विलयन को क्यूप्रस हैलाइड के सांगत हैलोजेन अम्ल में बने संदर विलयन में डाला जाता है तब डाइ एजोनियम समूह हैलोजेन परमाणु से विस्थापित हो जाता है और एरिल हैलाइड ( C6H5Cl, C6H5Br आदि ) बनता है |

 

C6H5N2Cl  →  C6H5Cl +  N2

C6H5N2Cl + CuBr  →    C6H5Br + CuCl

 

3. आयोडो यौगिक –  डाइ  एजोनियम लवण की KI से क्रिया करने पर आयोडोबेंजीन बनती है|

 

C6H5N2Cl + KI   →    C6H5I + KCl + N2

 

बेंजीन डाइ -एजोनियम क्लोराइड के भौतिक गुण –

  1. यह ठोस अवस्था में विस्फोटक होते है |
  2. यह जल में विलय होते है|
  3.  यह अल्कोहल में अल्पविलय और इथर में अविलय होते है |
  4. यह रंगहीन क्रिस्टलीय ठोस होता है |
  5. यह गर्म अवस्था में जल से अभिक्रिया करते है और शुष्क अवस्था में स्थायी होते है |

 

बेंजीन डाइ -एजोनियम क्लोराइड के उपयोग – 

  1. डाइ एजोनियम लवण का उपयोग फिनॉल का निर्माण करने में |
  2. इसका उपयोग हैलोएरिन के निर्माण में किया जाता है |
  3. इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के कार्बनिक यौगिको के संश्लेषण में किया जाता है

 

 

 

 

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