चमकू बना अमीर

चमकू बना अमीर

नमस्कार दोस्तों आज मैं आपके पास एक बेहद भी रोचक और बेहद ही चौका देने वाली कहानी के साथ तो चलते हैं आगे अपनी कहानी को लेकर

काफी पुराने समय की बात है चमकू बहुत ही गरीब परिवार से संबंध रखता था उसके परिवार के पास मात्र एक बीघे जमीन थी और उसके परिवार में उसके माता-पिता थे चमकू और उसके पिताजी बहुत मेहनती थे परंतु मेहनत करके भी उनका घर खर्च नहीं चलता था कभी-कभी तो 3,3,4,4 दिन उनको भूखा रहना पड़ता था, एक बार चमकू के पिताजी खेत में काम कर रहे थे चमकू के पिताजी लगभग 3 दिन से भूखे थे और चमकू की उम्र लगभग 27 साल थी चमकू के पिताजी खेत में हल जोत रहे थे और खेत में हल जोतने के दौरान चमकू के पिताजी की तबीयत बिगड़ गई और वह वहीं पर गिर गए उस समय खेत पर कोई नहीं था तकरीबन 1 घंटे बाद चमकू खेत पर पहुंचा उसने देखा पिता जी जमीन पर पड़े हैं उसने अपने पिताजी को उठाया और भागकर पानी लाया और पानी पिलाया उसके पिताजी को थोड़ा होश आया, अब चमकू के पिताजी के बस में हल चलाना नहीं था क्योंकि उनके पास कोई बैल या भैंसा खेत जोतने के लिए नहीं थे तो वह स्वयं ही अपने खेत को जोत रहे थे , इसलिए चमकू के पिताजी थक कर जमीन पर गिर गए चमकू अपने पिताजी को धीरे-धीरे घर ले गया और उन्हें वहां पर लुटा दिया धीरे-धीरे शाम हो चुकी थी शाम के समय चमकू अपने पिताजी से बोला पिताजी मैं खेत जोतने जा रहा हूं , पिताजी ने कहा बेटा तुम थक जाओगे चमकू ने कहा,  नहीं मैं नहीं थकूँगा और मैं जल्दी आ जाऊंगा

इतना कहकर चमकू खेत पर चला गया चमकू ने खेत जोतना शुरू किया और लगभग खेत जोतते जोतते आधा घंटा हो गया था चमकू को दिखाई दिया की एक सांप उसके खेत के बिल्कुल बराबर वाले खेत में एक बिल में घुस रहा था और वह बहुत ही बड़ा सांप था उधर सांप के पीछे एक गिद्ध लगा हुआ था जो सांप को पकड़ने की कोशिश कर रहा था सांप बार-बार अंदर की तरफ जाता और गिद्ध उसे बाहर की तरफ खींचता चमकू ने यह देखा चमकू बहुत तेजी के साथ गिद्ध की तरफ भागा और उसने एक बहुत बड़ा सा पत्थर लेकर गिद्ध को मार कर भगा दिया और सांप बच गया सांप अपने बिल में चला गया और चमकू वापस जाकर हल जोतने लगा चमकू हल जोत कर वापस आ गया अबकी बार चमकू की फसल बहुत अच्छी और बहुत हरी भरी हुई और चमकू के सिर पर एक जिम्मेवारी और थी कि

चमकू को रात रात भर अपनी फसल लखानी थी क्योंकि वहां पर गाय नीलगाय बहुत सारी थी जिससे फसल को नुकसान हो सकता था क्योंकि वह फसल को खाया कर दी थी इसलिए रोजाना रात में वहां क्या करता था पूरी रात जागा करता था और यही सोचता था कि मैं अपनी जमीन को कैसे बचाऊँगा क्योंकि चमकू और उसका परिवार बहुत गरीब थे तो उन्हें फसल बोने के लिए कर्जा लेना पड़ता था उस कर्ज की वजह से उनकी जमीन भी गिरवी रखी हुई थी ,

1 दिन रात में चमकू अपने खेत पर सो रहा था अचानक चमकू को एक आवाज आई चमकू आंखें खोलो चमकू ने जैसे ही आंखे खोली तो चमकू को एक औरत दिखाई दी अब चमकू चोंक गया और उस औरत से पूछा आप कौन हैं और इतनी रात में यहाँ क्या कर रहे हैं आप अपने घर जाइए चमकू की बात सुनकर उस औरत ने कहा मैं वही हूं जिसकी तुम ने जान बचाई थी और मैं यहां पर तुम्हारी मदद करने आई हूं चमकू ने कहा मैंने किसी की जान नहीं बचाई औरत ने कहा तुमने मेरी जान बचाई थी और उस औरत ने चमकू को कहा कि अपने खेत में दक्षिण दिशा के कोने पर लगभग 6 फुट की खुदाई करो वहां पर तुम्हारी समस्या का समाधान मिल जाएगा चमकू ने कहा मेरी समस्या खुदाई करने से हल नहीं होगी मेरी समस्या तो कुछ और है परंतु उस औरत ने कहा जो तुम्हारी समस्या है वो सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी एक बार वहां पर खुदाई करके देखो इतना कहकर औरत जाने लगी और चमकू फिर लेट गया लेटे-लेटे चमकू के मन में उस औरत की बातें घूम रही थी क्या मुझे खुदाई करनी चाहिए अगर मैं खुद ही कर लूंगा तो मेरी फसल नुकसान हो जाएगी परंतु उस औरत की बात में चमकू को सच्चाई लगी चमकू ने फैसला किया ठीक है मैं खुदाई करूंगा चमकू ने रात में खुदाई शुरू कर दी चमकू लगभग 3 फुट गड्ढा खोद चुका था और धीरे-धीरे दिन हो रहा था चमकू ने सोचा अब बाकी खुदाई कल करूंगा वरना दिन में में कोई मुझे पागल बताएगा और चमकू घर चला गया

अगले दिन चमकू रात में आया और आते ही वहां पर खुदाई शुरू कर दी चमकू 6 फुट गड्ढा खोद चुका था तो चमकू को वहां कुछ नहीं मिला चमकू ने सोचा मैंने तो बेकार ही मेहनत करी चमकू ने कहा चलो थोड़ा सा और खुद कर देख लेता हूं क्या पता मेरी किस्मत ही जाग जाए जैसे ही चमकू ने 1 फुट गड्ढा और खोदा तो उसे एक लोहे की आवाज आई उसका फावड़ा उस लोहे मे लग रहा था चमकू ने कहा यह क्या है चमकु ने उसे खुदा तो उसमें एक पुराने जमाने का सोने का ताश निकला चमकू ने उस ताश को खोदकर निकाल लिया वह ताश ऊपर से ढक्कन से बंद था और वह बहुत ही भारी था चमकू ने जैसे तैसे ताश को बाहर निकाला और उसने चारों तरफ देखा वहां कोई नहीं था और उसने ताश को खोल कर देखा उसमें एक नाग और बहुत सारे सोने के सिक्के सोने की ईट और हीरे के हार और बहुत सारे हीरे जवाहरात निकले चमकू देखकर बहुत चौक गया और चमकू ने उस ताश का ढक्कन बंद किया और उस ताश को बांधकर खींच कर घर ले गया अब चमकू घर पहुंच गया था घर पहुंच कर उसने अपने मां-बाप को यह बात बताई और यह बात सुनकर उसके मां-बाप बहुत खुश हुए परंतु उसके मां-बाप ने पूछा कि वह औरत कौन थी जिसने तुम्हें यह सब बताया चमकू ने कहा पिताजी मुझे नहीं पता पर वह औरत कह रही थी कि तुमने मेरी जान बचाई है चमकू के पिताजी ने सोचा चलो कोई देवी होगी जिसने हमारी परेशानी दूर की है अब चमकू वह ताश रखकर वापस खेत पर चला गया और जब चमकू खेत पर पहुंचा तो उसने पाया कि जहां उसने खोदकर गड्ढा किया था अब वह भर चुका है और फसल वैसे ही वापस आ चुकी है चमकू यह देखकर बहुत खुश हुआ.

वह अपने स्थान पर लेट गया परंतु उसके मन में उस औरत से मिलने की प्रबल इच्छा थी और चमकू इस बारे में सोच रहा था के अचानक वह औरत और एक आदमी दोनों उसके पास आए चमकू ने पूछा आज तुम्हारे साथ यह व्यक्ति कौन है उस औरत ने कहा यह व्यक्ति मेरे पति हैं आज इस खजाने से तुमने उस सांप को निकाला था वह यही है इतना सुनकर चमकू डर गया उस औरत ने कहा डरो मत हम तुम्हारे एहसान जिंदगी भर नहीं चुका पाएंगे .

चमकू ने कहा ऐसा क्या किया मैंने उस औरत ने कहा मैं एक इच्छाधारी नागिन हूं और मेरे पति एक इच्छाधारी नाग है मेरे पति को एक तांत्रिक ने सोने के साथ जमीन में दबा दिया था और उस दिन जिस दिन से तुमने उस सांप की रक्षा की थी वह मैं थी चमकू इतना सुनकर अचंभित हो गया और उसने कहा कि क्या तुम दोनों मुझे मार दोगे उस नाग ने कहा नहीं हम तो तुम्हारा धन्यवाद करने आए हैं अगर तुम ना होते तो शायद आज हम नहीं मिल पाते इसलिए हम हमेशा तुम्हारे साथ रहेंगे परंतु यह बात तुम किसी को मत बताना यदि किसी को यह बात बताओगे तो हम यहां से चले जाएंगे चमकू ने कहा कि ठीक है मे यह बात किसी से नहीं कहूंगा और इतना कह कहकर चमकू वहां से चला गया और वह दोनों भी चले गए

अब चमकू ने पूरे गांव वालों के उधार चुका दिए उनकी जमीन गिरवी थी उनकी जमीनें छुड़वा दी और काफी जमीन खरीद ली अब चमकू गाँव में बड़े जमीदारों में आ चुका था चमकू कभी-कभी नाग और नागिन से मिलने जाया करता था

और एक दिन एक गांव वाले ने चमकू को नाग नागिन से मिलते हुए देख लिया, जब चमकू उनसे मिलकर आ रहा था तो गांव वाले ने चमकू से पूछा कि वह व्यक्ति कौन थे चमकू ने कहा कि वह राहगीर थे और रास्ता भटक गए थे मैं उन्हें रास्ता बता कर आया हूं इतना सुनकर गांव वाला व्यक्ति चला गया परंतु गांव वाले व्यक्ति ने चमकू की बात का विश्वास नहीं किया और गांव वाले व्यक्ति ने सोचा कि अगली बार मैं चमकू का पीछा करके पता लगा लूंगा अगली बार जब चमकू नाग नागिन से मिलने गया तो वह गाँव वाला भी पीछे पीछे चला गया और उसने देखा एक नाग, नागिन चमकू के सामने आए और उन्होंने आदमी और औरत का रूप ले लिया अब वह गांव वाला व्यक्ति डर गया और वहां से भाग गया अगले दिन गांव वाला व्यक्ति चमकू से मिला और उसने उसे दोबारा पूछा की वो नाग नागिन कहाँ मिले थे ,चमकू ने अबकी बार उस व्यक्ति से पूछा कि तुम मेरा पीछा कर रहे थे उस व्यक्ति ने कहा मैं तुम्हारा पीछा कर रहा था मैंने उन नाग नागिन को देखा था अब चमकू ने यह बात उस व्यक्ति को बतानी हीं पड़ी .

परंतु नाग और नागिन ने चमकू को पहले ही आगाह किया था कि यदि तुम हमारे बारे में किसी को बताओगे तो हम तुम्हारे से दूर चले जाएंगे जब अगली बार चमकू नाग और नागिन से मिलने गया तो आखरी बार नाग और नागिन उससे मिले और उन्होंने चमकू को कहा कि अब हम तुमसे नहीं मिलेंगे और अब हम यहां से जा रहे हैं क्योंकि तुमने हमारे बारे में उस व्यक्ति को बता दिया चमकू ने कहा कि मैंने नहीं बताया उसने आपको खुद ही देख लिया नाग और नागिन ने कहा परंतु अब हम यहां नहीं रह सकते इसलिए हम यहां से जा रहे हैं चमकू ने कहा कि यदि मैं कभी आपको याद करूं तो क्या आप मुझे मिलोगे नाग और नागिन ने कहा अगर यदि संभव हुआ तो हम तुम्हें जरूर मिलेंगे इतना कहकर नाग और नागिन चले गए उस दिन से आज तक चमकू का परिवार काफी फल-फूल रहा है और काफी पैसे वाला है

तो दोस्तों यहां पर कहानी खत्म हुई अब मिलते हैं अपनी अगली कहानी के साथ तब तक के लिए

धन्यवाद

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