प्रदूषण का अर्थ
प्रकृति में वायु, जल, और स्थल की स्थिति में अवांछनीय परिवर्तन होता है जो आज के युग में मनुष्य उसके बारे में कुछ नहीं सोचता है मनुष्य की आवश्यकता के लिए विभिन्न प्रकार के निर्माण करवाता है और वह अपनी ही हित में सोचता है और उनसे होने वाली समस्याओं के बारे में नहीं सोचता और वह किसी न किसी रूप में दूसरे जीवो के लिए हानिकारक होता है वातावरण में हर एक चीज एक निश्चित मात्रा में होती है|
जब हम किसी एक ऐसी चीज का निर्माण करते हैं जिससे कोई हानिकारक कण या विषैली गैस निकलती है जिससे वायुमंडल में उसके अधिकता हो जाती है और वायुमंडल दूषित होने लगता है या वे उस पदार्थ से निकलने वाले कण वायुमंडल में प्रवेश करते है तो किसी न किसी रूप में जीवो, फसल वे पौधो को हनी पहुंचता है उसे प्र्दुष्ण कहते है
प्रदूषण के प्रकार
जैसे-जैसे जनसंख्या में वृध्दि हो रही है वैसे -वैसे ही प्रदूषण की समस्या और भी विकराल रूप धारण कर रही है प्रदूषण को निम्न प्रकार बाटा गया है |
जल प्रदूषण
आज के आधुनिक युग में मनुष्य अपनी सुबिधा के अनुरूप नए -नए कारखाने व उद्योग लगा रहा है जिससे निकलने वाला विषैले पानी के पाइप नदियों में डाल देते हैं जिससे कारखानों से निकलने वाला पानी नदी के पानी में मिलकर उस पर भी हो दूषित कर देता है इसके सेवन से विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते हैं|
घरों से निकलने वाले दूषित कचरे को नदी या तालाब में फेंक देते हैं तालाब में उपस्थित कार्बनिक व अकार्बनिक पदार्थो की अधिकता हो जाती है जिससे जल प्रदुषण होता है |
2. वायु प्रदुषण
आज के युग में मनुष्य एक दुसरे से आगे निकलने की होड़ में ऐसे -ऐसे उधोगो का निर्माण कर रहा है जिससे निम्न प्रकार की बहुत हानिकारक गैसे व एअन्य कण निकलते है और वे वायुमंडल में जाकर वायु मंडल में उपस्थित गैसों की एक निश्चित मात्रा के अनुपात में उपस्थिति को बिगड़ देता है और उससे बिभिन्न प्रकार के रोग होजाते है वायुमंडल में गैसों की निश्चितिता में होने वाले परिवर्तन को वायु प्र्दुषण कहते है |
3. रेडियो धर्मी प्रदुषण
विश्व में अनेक प्रकार के देश है इनमे से कुछ विकशित और कुछ विकाशील देशहैे विकाशील देस विकशित देशो की बरावरी करने की लिए तजी से परमाणु शक्तियों को बढ़ावा दे रहे है जिसके फलस्वरूप परमाणु परीक्षण बढ़ते जा रहे है जिससे जल ,वायु व रडियधर्मी प्रदुषण बढ़ रहा है जो हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए बहुत हानिकारक सिध्द होगा | यह समस्या कुछ ऐसी हो जैसी यह समस्या जापान के हिरोशिमा व नागासाकीमें परमाणु गिराने के बाद हुई थी वहा के लोग अपंग हो गये थे |
4. ध्वनी प्र्दुषण
इस आधुनिक युग में निम्न प्रकार के वाहन चलाये जा रहे है जैसे – बस, ट्रेन,कार,ट्रैक्टर हवाई जहाज आदि और शादी व अन्य अवसर पर प्रयोग किये जाने वाले लाऊडस्पीकर , कारखानों में चलने वाली मशीने आदि प्रकार की चीजो से ध्वनी प्रदुषण उत्त्पन होता है |
5.रासायनिकप्रदुषण
जब कृषक की फसल की पैदावार अच्छी नही होती है तो वह फसल की पैदावार बढ़ाने क लिए अनेक प्रकार क्र रसायनों का प्रयोग करता है जिससे फसल तो अच्छी होती है परन्तु यह जीवो की लिए वहुत हानिकरक होता है या जीवो के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव डालते है |और कम्पनियों में वस्तुओं के निर्माण में प्रयोग किये जाने वाले रसायनों से रासायनिक प्र्दुषण बढ़ता है |
प्रदुषण पर नियंत्रण
प्रदुषण को रोकने की लिए रोकने के लिए सरकार हर स्तर पर प्रयास क्र रही है सन 1974मे सरकार ने जल प्रदुषण बोर्ड की स्थापना की इस अधिनियम के तहत सभी राज्यों में प्रदुषण बोर्ड की स्थापना की गई |
प्रदुषण को रोकने की लिए हमे भी हर स्तर पर प्रयास करना चाहिए |
- वाहनों का कम प्रयोग करना चाहिए |
- घरो से निकलने वाले कूड़े को कूड़ेदान में डालना चाहिए |
- उधोगो की चिमिनी को उचा बनबाना चाहिए |
- कृषि में रसायनों का कम मात्रा में प्रयोग करना चाहिए |
- वनों की अन्धा धुन कटाई पर रोक लगनी चाहिए |
- उधोगो को स्थापित करने के लिए लाइसेंस की प्राप्ति होनी चाहिये |
- उधोगो से निकलने वाले हानिकारक पदार्थो के लिए उचित व्यवस्था होनी चाहिए |
- परमाणु परीक्षणों पर रोक लगनी चाहिये|
- शादियों में प्रयोग किये जाने वाले लाऊडस्पीकर की आवाज बहुत धीमी होनी चाहिए |
- रसायनों को खुले म नही जलाना चाहिय |
प्रदुषण का हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव
प्रदुषण का हमारे स्वास्थ्य पर बहुत ही गहरा प्रभाव डालते है |
- अत्यधिकध्वनी सुनने से मनुष्य की सुनने की सकती कम जोर हो जाती है|
- अत्यधिक ध्वनी सुनने से तनाव बढ जाता है |
- दूषित जल पिन से टायफाइड रोग हो जाता है |
- दूषित जल पिने से पेचिश रोग हो जाता है|
- दूषित वायु से दमा रोग हो जाता है|
- दूषित वायु से फेफड़ो से सम्बन्धित रोग हो जातेहै|
- रेडियो धर्मी प्रदुषण से ह्रदय सम्बन्धित रोग हो जाते जाते है|
- रेडियो धर्मी प्रदुषण से मनुष्य की सोचने की शक्ति कम हो जाती है |
- दूषित वायु से खांसी हो जाती है |
- दूषित वायु से सींने में दर्द रहने लगता है |