Jal Sansadhan Ka Manav Jeevan Mein Mahatva

Jal Sansadhan Ka Manav Jeevan Mein Mahatva

दोस्तों आज हम आपको Jal Sansadhan Ka Manav Jeevan Mein Mahatva समझाएंगे। लेकिन उससे पहले हम आपको जल संसाधन के बारे में कुछ समझाना चाहेंगे।

जल संसाधन ( Jal Sansadhan ) किसे कहते हैं?

प्रकृति ने जो हमें जल के जो असीमित भंडार दिए हैं उन्हें ही जल संसाधन कहते हैं। जैसे कि नदियां, समुंद्र, झील, झरने, ग्लेशियर, भूमिगत जल इत्यादि सभी जल संसाधन की श्रेणी में आते हैं।

यह सभी संसाधन प्रकृति ने हमें मुफ्त में प्रदान किए हैं और इनका हमारे दैनिक जीवन में बहुत महत्व है। हमें अपनी प्रतिदिन की आवश्यकता से लगाकर अपने जीवन यापन करने के लिए प्रकृति के संसाधनों पर ही निर्भर रहना पड़ता है। उनमें से जल संसाधन की निर्भरता काफी अहम है।

Jal Sansadhan Ka Manav Jeevan Mein Mahatva

नदियों का महत्व

नदिया पहाड़ी क्षेत्रों से निकलकर मैदानों को होती हुई जाती हैं तथा अंत में समुद्र में मिल जाती हैं। इससे मैदानी क्षेत्रों में कृषि तथा अन्य कार्यों के लिए आवश्यक जल की आपूर्ति होती है।

नदिया भूमि को मरुस्थल में बदलने से रोकती हैं। नदियों से वृक्षों तथा बन क्षेत्रों और जंगली जीव जंतुओं के लिए जल की आपूर्ति होती है। जिससे हमारा पर्यावरण का इकोसिस्टम बना रहता है।

समुंद्र का महत्व

समुंद्र पृथ्वी को एक विशेष प्रकार की घूर्णन गति प्रदान करती है। हमारी पृथ्वी का 70% हिस्सा पानी से ढका हुआ है और केवल 30% ही हमारे रहने के लिए उपयुक्त है।

समुंद्र से वाष्पीकरण के द्वारा जल पहाड़ों पर जमा होता है और वर्षा के रूप में भी बरसता है। समुंद्र से एक देश से दूसरे देश के जाने के लिए यातायात के साधन खुलते हैं। इससे मनुष्य का सामाजिक विकास होता है और व्यापार में मदद मिलती है।

समुद्र में निक प्रकार के खनिज लवण तथा रतन पाए जाते हैं जो मानव जीवन के लिए बहुत आवश्यक है।

भूमिगत जल का महत्व

भूमिगत जल का उपयोग पीने के लिए तथा कृषि कार्य के लिए किया जाता है। पृथ्वी के गर्भ में बहुत बड़े-बड़े भंडार स्थापित हैं। इनका उपयोग मानव जाति के भरण-पोषण के लिए जीवन यापन के लिए किया जाता है।

झील तथा तालाबों का महत्व

झीलों और तालाबों का इस्तेमाल वर्षा के पानी को एकत्रित करने के लिए किया जाता है। इस पानी को हम अपनी आवश्यकतानुसार उपयोग में लेते हैं तथा शेष जल को भूमि के द्वारा शोक लिया जाता है।

इनका उपयोग मछली पालन तथा अन्य दूसरे कई प्रकार के ग्रीन क्रांति से संबंधित कार्यों के लिए किया जाता है जो कि मानव जीवन के लिए बहुत आवश्यक है।

ग्लेशियर का महत्व

ग्लेशियर पृथ्वी सूर्य के प्रकाश को परिवर्तित कर देते हैं जिससे सूर्य की गर्मी हमारी पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाती है यह एक प्रकार की तरह काम करते हैं जो हमारे ग्रह को ठंडा बनाए रखने का काम करती है।

अगर ना हो तो हमारे यहां पर बाढ़ की हालत हो जाएगी। इसके साथ साथ हमारी पृथ्वी की घूर्णन गति पर भी प्रभाव पड़ेगा। ग्लेशियर ना होने से पृथ्वी पर जीवन का होना असंभव है।

जल संसाधन की उपयोगिता

मानव जीवन में जल संसाधन का बहुत महत्व है। जल संसाधन का महत्व हम उसकी उपयोगिता के आधार पर लगा सकते हैं। आज मैं आपको बताने की कोशिश करूंगा कि किस प्रकार से जल संसाधन हमारे जीवन में उपयोगी हैं तो चलिए देख लेते हैं:

  1. भूमिगत जल का उपयोग पेयजल की आपूर्ति के लिए किया जाता है।
  2. समुद्र का जल नमक बनाने के लिए तथा अंतर्देशीय यात्रा करने के लिए किया जाता है।
  3. समुद्र में बहुत सारे खनिज लवण तथा जीवन के लिए आवश्यक बहुमूल्य रत्न पाए जाते हैं।
  4. नदियां हमारे पृथ्वी को स्वच्छ जल प्रदान करती है जिसका उपयोग वन्यजीवों के लिए, भूमि की उपजाऊ क्षमता बढ़ाने के लिए, कृषि कार्यों के लिए, किया जाता है।
  5. पहाड़ों पर नदी के पानी को रोककर विद्युत उत्पादन किया जाता है जिससे हमारे जीवन में कई कठिन कार्य बड़ी सुगमता से इलेक्ट्रिसिटी के द्वारा किए जाते हैं।
  6. अगर पृथ्वी पर जल संसाधन ना हो तो मानव जीवन की कल्पना करना असंभव है। प्रत्येक जीव को पीने के लिए पानी की आवश्यकता होती है।
  7. मनुष्य को खाना खाने के लिए खेती करने की जरूरत पड़ती है और खेती करने के लिए जल की आपूर्ति हम जल संसाधन की उपयोगिता के द्वारा ही करते हैं।
  8. समुद्र के जल से भी ज्वार भाटा के कारण पानी को इकट्ठा करके विद्युत का उत्पादन किया जाता है।

संसाधन के स्रोत

पृथ्वी पर जल संसाधन के अनेक शोध हैं इनमें से कुछ विशेष स्रोत निम्न प्रकार हैं:

  • भूमिगत जल
  • समुंद्र
  • नदियां
  • झील
  • ग्लेशियर

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